उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस के 15 मामले सामने आ चुके हैं। 17 मार्च को 2 नए मामले सामने आए हैं। गौतमबुद्धनगर जिले में फ्रांस से लौटी सेक्टर 100 निवासी महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वह पहले से आइसोलेशन वार्ड में भर्ती थी। जबकि, हाई पार्क में रहने वाले एक शख्स में भी कोरोनावायरस टेस्ट पॉजिटिव पाया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनुराग भार्गव ने बताया कि जिन-जिन लोगों से ये दोनों रोगी संपर्क में आए हैं। उनकी स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है। इनकी ट्रैवल हिस्ट्री के अनुसार लोगों को ट्रैक किया जा रहा है। बताया कि गौतमबुद्धनगर में अब तक 3 मामले सामने आ चुके हैं।
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क्वारैंटाइन सेंटर में 7 देशों से आने वाले लोगों रखा जाएगा
नोएडा के सेक्टर 39 स्थित नए जिला अस्पताल में सात देश चीन, ईरान, साउथ कोरिया, इटली, जर्मनी, फ्रांस और स्पेन से आने वाले लोगों के लिए 400 बेड का क्वारैन्टाइन सेंटर बनाया गया है। यहां आने वाले लोगों को 14 दिन की निगरानी में रखा जाएगा। उनकी सैंपलिंग की जाएगी। इनमें से यदि कोई पाॅजीटिव आता है तो उसे आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा। यह वार्ड ग्रेटर नोएडा के जिम्स और नोएडा के चाइल्ड पीजीआई में बनाए गए हैं। इस बात का पूरा ध्यान दिया जाएगा कि यहां से संक्रमण किसी भी तरह से बाहर नहीं निकले और न ही यहां लाए जाने वाले लोगों को परेशानी हो। पूरे प्रदेश में 1093 क्वारैंटाइन बैड आरक्षित किए गए हैं।
सोमवार को विधायक पंकज सिंह, डीएम बीएन सिंह और सीएमओ डॉ. भार्गव ने बनाए गए सेंटर का जाएजा लिया। क्वारैन्टाइन सेंटर में जिन देशों से लाए गए लोगों को रखा जाएगा इसको अभी गोपनीय रखा गया है। यहां लाए जाने वाले लोगों को लिए पूरी व्यवस्था की जाएगी। वह चिकित्सकों की निगरानी में रहेंगे। सेंटर में 200 बैड नए अस्पताल में और 200 बैड स्टॉफ क्वाटर में बनाए गए है। अस्पताल को प्रत्येक 2 घंटे के अंदर सेनेटाइज किया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण के 40 स्वास्थ्य कर्मी की ड्यूटी लगा दी गई है।
विदेश से लौटने वाले लोगों का रिकार्ड जुटाने में लगे स्वास्थ्यकर्मी
शहर के लगभग 3000 कंपनियों में सोमवार से स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जागरूकता अभियान की शुरूआत की गई। सीएमओ डॉ. भार्गव ने बताया कि विभाग की टीमों ने यहा कर्मचारियों से संवाद किया। कंपनियों में विदेश से लौटने वालों की जांच कराने की अपील की गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के दौरान विदेश से लौटने वालों का रिकॉर्ड लेगी। इस दौरान अगर किसी मीटिंग या अन्य इवेंट में कोई विदेशी शामिल हुआ है तो उस बारे में भी जानकारी लेकर कर्मचारियों की जांच की जाएगी। 15 फरवरी के बाद इन देशों की यात्रा पर गए लोगों पर विशेष नजर रहेगी। जांच में जिन लोगों में कोरोनावायरस के लक्षण पाए जाएंगे उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।